हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को
आस्ट्रिया के बौनी नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था उसका पिता चुंगी कर्मचारी था। निर्धनता के कारण उसकी उच्च शिक्षा भी नहीं हो सकी निर्धनता के कारण ही उसने पेन्टर का कार्य करके अपना जीविकोपार्जन किया। उसके लिए जर्मन जाति ही श्रेष्ठ थी। वह यहूदियों से बहुत अधिक घृणा करता था उसे जनतंत्र भी नापसंद था। वह प्रारम्भ से ही शांति में रहने के स्थान पर शौर्य के साथ सेना में जीवन व्यतीत करने को श्रेष्ठतर समझता था। इसलिए उसने प्रथम विश्व युद्ध के प्रारम्भ होते ही सेना में प्रवेश ले लिया।
प्रथम विश्व युद्ध में हिटलर ने वीरता का परिचय दिया। इस कारण उसे सम्मान स्वरूप वीरता पुरस्कार "आयरन क्रास" मिला। किन्तु इस युद्ध में जर्मनी की हार ने हिटलर के मन में बहुत अधिक विद्रोह की भावना उत्पन्न कर दी । उसने इस युद्ध में हार का मुख्य कारण साम्यवादियों यहूदियों, समाजवादियों तथा वहाँ की जनतंत्रात्मक पद्धति को ठहराया।
युद्ध के समाप्त हो जाने पर 1918 ई. में वह म्यूनिख आ पहुँचा और वहाँ उसे जासूसी विभाग में नौकरी मिल गयी यहीं जर्मन श्रमिक दल के 6 व्यक्तियों के एक गुप्त दल का उसे पता चला। वह भी 1920 ई. में इस दल का सदस्य बन गया और धीरे-धीरे वह इस दल का नेता बन गया । उसने इस दल के नाम को परिवर्तित करके इसे "राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन श्रमिक दल" दे दिया। इसे संक्षिप्त रूप में नाजीदल कहा जाता है। इस दल के उत्थान के लिए उसने अपनी पूरी शक्ति लगा दीं उसने "स्वास्तिक" को अपने दल का चिन्ह बनाया वह अपने दल का कार्य पूर्ण रूप से गुप्त रखता था दल के प्रत्येक सदस्य उसके प्रति समर्पित थे। उसने सन् 1923 में वहाँ की जनतांत्रिक सरकार के विरोध में विद्रोह प्रारम्भ कर दिया था।
इस कारण उसे देशद्रोह के आरोप में 5 वर्ष के लिए जेल की सजा काटने का दण्ड सुनाया गया। किन्तु 8 माह बाद उसे कैदखाने से छोड़ दिया गया। उसने इस कैद में ही रहकर अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "मीन काम्फ" लिखी।
सन 1932 तक संसद् में नाजी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई थी. सन 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया. हिटलर ने 1933 में राष्ट्रसंघ को छोड़ दिया और भावी युद्ध को ध्यान में रखकर जर्मनी की सैन्य शक्ति बढ़ाना प्रारंभ कर दिया था.
सन 1933 में जर्मनी में पूर्ण शक्ति हासिल करने के लिए हिटलर ने वहां पर मौजूद आर्थिक असंतोष, जनता में असंतोष और राजनीतिक दुर्दशा का सहारा लिया था.
1937 में जर्मनी ने इटली से संधि की और उसी वर्ष आस्ट्रिया पर अधिकार कर लिया. इसी विस्तारवाद में हिटलर की सेनाओं ने पोलैंड के पश्चिमी भाग पर अधिकार कर लिया और ब्रिटेन ने पोलैंड की रक्षा के लिए अपनी सेनाएँ भेजीं जिसके कारण 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ.
हिटलर की लीडरशिप में 1941 तक नाजी सेनाओं ने यूरोप पर बहुत कब्ज़ा कर लिया था. चूंकि हिटलर सभी से पड़ोसी देशों से दुश्मनी ले रहा था इसलिए मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने उसकी सेना को हरा दिया. हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी.
Disclaimer:Shubharticles.blogspot.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध लिंक और सामग्री उपलब्ध कराते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करें Amanyogi190@yahoo.com
0 टिप्पणियाँ