केंद्रीकरण का अर्थ (Meaning of Centralization )
केंद्रीकरण का अर्थ है आधिकारिक शक्तियों को संगठन के उच्च स्तर पर केन्द्रित करना। इस प्रव त्ति का लक्ष्य है केन्द्रीकृत कार्य। इसलिए यह सत्ता के छितराव तथा प्रत्यायोजन के सिद्धांत के ठीक विपरीत है। नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। किसी भी केंन्द्रीकृत संगठन में प्रबन्ध और प्रशासन के ये दो क्षेत्र उच्चतम अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र हैं।
संगठनात्मक सोपानक्रम के निचले स्तर के अधिकारी निर्देश, सलाह, स्पष्टीकरण तथा अर्थ निर्णय के लिए हमेशा अपने से ऊपर के स्तर के अधिकारियों पर निर्भर करते हैं। यहाँ तक कि मुख्य संगठन के क्षेत्रीय इकाइयाँ या शाखाएँ भी निर्णय लेने की शक्ति नहीं रखती। इसलिए वे पूरी तरह से केंद्रीय प्रबंधकों पर निर्भर करती है। क्षेत्रीय इकाइयों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे केंद्रीय प्रबंधकों के रूप में कार्य करने वाले मुख्यालय द्वारा दिए गए पूर्व निर्धारित निर्देशों के अनुरूप ही इन निर्देशों को कार्यान्वित करें। केंद्रीकरण उस समय तीक्ष्ण हो जाता है जब कोई संगठन एक ही स्थान से कार्य करे अर्थात जब उसकी कोई क्षेत्रीय शाखा न हो।
केंद्रीकरण के लाभ (Advantages of Centralization)
1. केंद्रीय सत्ता का पर्याप्त नियंत्रण- विद्वानों का कहना है कि केंद्रीयकृत व्यवस्था न केवल प्रशासन में प्रभावकारी नियंत्रण के लिए आवश्यक है वरन् वह अदक्षता, अपव्यय और पक्षपात जैसी प्रशासनिक बीमारियों का इलाज है।
2. प्रशासन में एकरूपता- केंद्रीकरण से देश भर में प्रशासनिक एकरूपता स्थापित की जा सकती है, जोकि अनेक मामलों में अनिवार्य होती है।
3. मितव्ययिता- केंद्रीकरण से प्रशासन में मितव्ययिता रहती है। सभी साधन एक साथ जुटाए जा सकते हैं, माल की खरीद बड़े पैमाने पर एक साथ की जा सकती है।
4. भ्रष्टाचार में कमी- केंद्रीकृत व्यवस्था में किसी संस्था के लिए समान खरीदने व अधिकारियों की नियुक्ति करने में अधिकारों के दुरूपयोग की अपेक्षाकृत कम सम्भावना रहती है। प्रशासन में भ्रष्टाचार, पक्षपात, भाई-भतीजावाद की गुंजाइश कम हो जाती है।
5. केंद्रीकरण के पक्ष में एक तर्क यह दिया जाता है कि स्थानीय संस्थाओं के पास धन व साधनों का अभाव रहता है। इसलिए भी उन्हें केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है, फिर क्यों न केंद्रीकरण को अपनाया जाय।
6. आधुनिक समय में यातायात व संचार के साधन में, आर्थिक नियोजन की आवश्यकताओं व देश की सुरक्षा की आवश्यकताओं ने केंद्रीकरण की सम्भावनाओं को बढ़ा दिया है।
7. संकटकाल के लिए केंद्रीकरण उपयोगी है क्योंकि शीघ्र निर्णय लिए जा सकते हैं।
केंद्रीकरण की हानि (Disadvantages of Centralization)
1. निर्णयों में त्रुटि की सम्भावना- केंद्रीकृत व्यवस्था में अधिकारियों को स्थानीय समस्याओं का पर्याप्त ज्ञान नहीं होता, अतः उनके निर्णय दोषपूर्ण हो सकते हैं।
2. कार्य में देरी- इस व्यवस्था में अधिकारियों पर कार्य का बोझ भी एकत्रित हो जाता है अतः कार्य में देरी स्वाभाविक है ।
3. प्रशासन में कठोरता- केंद्रीकरण से प्रशासन में लचीलेपन के स्थान पर कठोरता आती है 95/338 स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल निर्णय नहीं ले सकते हैं।
4. लाल फीताशाही- क्योंकि प्रत्येक कार्य को सर्वोच्च अधिकारी के सामने से गुजरना पड़ता है अतः लाल फीताशाही में भाग लेने का अवसर नहीं मिल पाता।
5. अलोकप्रिय शासन- इस व्यवस्था में अधिकारियों में पहल करने की शक्ति समाप्त हो जाती है। जनता को भी प्रशासन में भाग लेने का अवसर नहीं मिल पाता ।
6. स्थानीय शासन की उपेक्षा होती है। फिर केंद्र स्थानीय मामलों में गलत निर्णय भी ले सकता है।
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